हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,क़ुम मुक़द्दस में शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह और प्रतिरोधी मोर्चे के कुछ कमांडरों की याद में चालीसवें दिन मजलिस का आयोजन किया गया, जिसमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRCG) के उपकमांडर सरदार अली फदवी और बहरीनी धर्मगुरु शेख ईसा कासिम ने संबोधन किया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न वर्गों के लोग हौज़ा इल्मिया के विद्यार्थी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों से आए हुए व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने शहीद नसरुल्लाह और प्रतिरोधी कमांडरों के मिशन को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विचारों और सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया।
सरदार फदवी ने इस मौके पर इस्लामी प्रतिरोध के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि शहीद नसरुल्लाह ने जिस प्रतिरोध का नेतृत्व किया उसका उद्देश्य पूरी दुनिया में अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना था।
शेख ईसा कासिम ने अपने संबोधन में इस्लामी एकता और पीड़ितों के समर्थन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि शहीदों के मार्ग पर चलना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है।